प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 साल के प्रियव्रत को 14 चरण की ‘महापरीक्षा’ (तेनाली) पास करने पर बधाई दी। मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘एक्सीलेंट! प्रियव्रत, इस कमाल के लिए बधाई, आपकी उपलब्धि कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।’
प्रधानमंत्री मोदी ने चामू कृष्ण शास्त्री नाम के यूजर के ट्वीट को रिट्वीट करके प्रियव्रत की तारीफ की है। शास्त्री ने अपने ट्वीट में लिखा था कि अपर्णा और देवदत्ता पाटिल के पुत्र प्रियव्रत ने 16 साल की उम्र में इतिहास रच दिया। प्रियव्रत ने अपने पिता से वेद और न्याय की शिक्षा ली। इसके बाद सभी व्याकरण महाग्रंथ मोहन शर्मा से पढ़े और तेनाली परीक्षा के 14 चरण पास किए। *उसने सबसे कम उम्र में ‘महापरीक्षा’ पास की है।
कांची मठ में लिखित और मौखिक परीक्षा होती है
हर छह महीने में गुरु अपने शिष्यों के साथ तेनाली परीक्षा के लिखित और मौखिक छमाही टेस्ट में शामिल होने कांची मठ आते हैं। पांच से छह साल के अध्ययन के बाद महापरीक्षा कांची मठ में होती हैं। महापरीक्षा पास होने के बाद विद्यार्थियों को मान्यता दी जाती है।
गोवा के मुख्यमंत्री ने कहा, तुम हमारे गौरव
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने भी तेनाली परीक्षा (महापरीक्षा) को पास करने वाले प्रियव्रत को बधाई दी। सावंत ट्वीट कर कहा कि प्रियव्रत, उसके गौरवशाली परिजनों को इस उपलब्धि के लिए बहुत-बहुत बधाई।
साल में दो बार होती है महापरीक्षा
महापरीक्षा साल में दो बार होती है। इसमें 14 चरण होते हैं। शास्त्रों का अध्यन करने वाले छात्र ही इस परीक्षा के प्रतिभागी होते हैं। 2015 से इंडिक एकेडमी तेनाली परीक्षा को सपोर्ट करती है। यह संस्थान किसी ओपन यूनिवर्सिटी की तरह काम करता है। यह करीब 40 छात्रों को विभिन्न शास्त्रों का अध्यन करने में मदद करता है।